- नई प्रक्रिया - पुराना तरीका
- अधिकार: जज साहब की भी शिकायत कर सकेगी जनता
- उधर न्यायिक अफसरों पर नकेल के भी निर्देश
राज्यसभा के 50 या लोकसभा के सौ सांसद शिकायत करें तो जांच आयोग बैठता
है ’ जांच रिपोर्ट पर संसद में बहस होती है, पारित होने पर जज हटता है। शिकायतें सीधे मुख्य न्यायाधीश या हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से की जा
सकती है ’ अपने नाम, पते और शपथ-पत्र के साथ शिकायत देनी होगी।
लेकिन अब आप सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ
भी शिकायत कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अधिसूचना जारी करते हुए यह अधिकार
दिया है। अभी तक जज के खिलाफ शिकायत नहीं की जा सकती थी। उन्हें हटाने के
लिए अलग से कानून (जजेज इंक्वायरी एक्ट, 1968) है जिसकी कार्रवाई बहुत ही
जटिल और समय लेने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे न्यायपालिका पर
भरोसा बढ़ेगा।
सख्त दंड का प्रावधान : शिकायत में दम होने पर मुख्य
न्यायाधीश उसकी जांच करवाएंगे। तथ्य पाए जाने पर उसकी तीन जजों की जांच
कमेटी से गहन जांच करवाई जाएगी। यदि जज दोषी होता है तो मुख्य न्यायाधीश
उसे न्यायिक कार्य से हटाने, पद से इस्तीफा दिलाने, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
लेने के लिए कहने और महाभियोग के लिए पीएम को सूचना देने तक का दंड दे
सकते हैं।