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पढ़ाई बीच में छोड़ने या सत्र के बीच में दूसरी जगह जाने पर क्रेडिट हस्तांतरण से पढ़ाई जारी रख सकेंगे छात्र

  • पढ़ाई छोड़ने वालों को दोबारा मौका देने पर सहमति पढ़ाई

 बीच में छोड़ने या सत्र के बीच में दूसरी जगह चले जाने वाले छात्रों की समस्या दूर करने के लिए अब क्रेडिट हस्तांतरण योजना जल्द ही लागू हो सकेगी। इसके लिए राज्य सरकारों ने अपनी सहमति दे दी है। देश में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए यह व्यवस्था नौवीं कक्षा से ले कर स्नातकोत्तर तक लागू होगी। 

 
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मशविरे के लिए अगले महीने से देश भर का दौरा भी शुरू करेंगी। उच्च शिक्षा पर राज्यों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों के साथ ईरानी और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में मंगलवार को क्रेडिट हस्तांतरण योजना को देश भर में लागू करने पर सभी राज्यों ने सहमति दे दी। 


बैठक के बाद मानव संसाधन मंत्री ने कहा, ‘हमने सभी राज्यों को अपने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इस व्यवस्था को लागू करने को कहा था ताकि छात्रों की आवाजाही आसान हो सके। उनके अनुसार प्रधानमंत्री मोदी का यह सपना है कि छात्रों के कौशल को मान्यता मिले और उनको विकल्प मिल सकें।’ केंद्र सरकार ने पिछले साल ऐसी ही एक बैठक में राज्यों के सामने चयन आधारित क्रेडिट हस्तांतरण योजना का प्रस्ताव रखा था। बैठक के दौरान राज्यों ने बीएड पाठ्यक्रम में प्रस्तावित सुधारों का भी स्वागत किया। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस पाठ्यक्रम में कई बदलाव सुझाए हैं। 


ईरानी ने बताया कि नई शिक्षा नीति तय करने के लिए वह अगले महीने से विभिन्न राज्यों का दौरा कर के लोगों से संपर्क करेंगी। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा नीति से सबसे ज्यादा प्रभावित छात्र और उनके परिवार वाले होते हैं। लेकिन कभी उनसे सलाह नहीं ली जाती। मैंने तय किया है कि मैं स्वयं प्रदेशों में जा कर उनसे पता करूंगी कि उनकी जरूरतें क्या हैं। इसके लिए ग्राम शिक्षा समिति और जिला समिति से मशविरा किया जाएगा।