- शीशम की पत्तियां, जोड़ेंगी हड्डियां
- वैज्ञानिकों ने तैयार की पहली हर्बल औषधि
- पांच-छह माह में बाजार में उपलब्ध होगी दवा
यूं तों ‘शीशम’ से ज्यादातर लोग परिचित होंगे, लेकिन बहुत कम लोग ही यह जानते होंगे कि इमारती लकड़ी के लिए मशहूर शीशम अब टूटी हुई हड्डी को सबसे तेज जोड़ने वाला पौधा भी बन गया है। जी हां, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) के वैज्ञानिकों ने शीशम में हड्डी को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण गुण की तलाश की है।
संस्थान ने इसका लाइसेंस गुजरात की एक कंपनी की सौंप दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि अगले पांच-छह महीने में यह औषधि बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। 1इंडोक्राइन विभाग की डॉ. रितु त्रिवेदी बताती हैं कि खास बात यह है कि जिस फ्रेक्शन को ‘रैपिड फ्रैक्चर हीलिंग एजेंट’ के रूप में प्रयोग किया गया है उसे शीशम की पत्तियों से प्राप्त किया गया है।
डॉ. त्रिवेदी बताती हैं कि चूंकि पत्तियां ऐसा स्त्रोत हैं, जो सीमित नहीं है इसलिए इसके निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल की कोई कमी नहीं होगी। डॉ.त्रिवेदी ने बताया कि मेडिसिनल केमिस्ट्री के डॉ.राकेश मौर्या के सहयोग से शोध किया गया।