- केन्द्र ने पेश किया स्वर्ण बचत योजना का खाका, दो जून तक लोगों से मांगे विचार
- स्वर्ण बचत योजना : घर में रखे सोने पर कमा सकेंगे ब्याज
इस योजना का मकसद मंदिरों और घरों में पड़े हजारों टन सोने का इस्तेमाल
करना है। यह सोना नए आभूषण और अन्य वस्तुएं बनाने के लिए ज्वेलर्स को
उपलब्ध कराया जाएगा। इससे देश में तेजी से बढ़ रहे सोने के आयात को कम करने
की योजना है। स्वर्ण बचत योजना पहले कुछ चुनिंदा जगहों से शुरू की जाएगी
क्योंकि सरकार को इसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना है।
ब्याज पर
कोई टैक्स नहीं :
इस योजना की खासियत है कि ब्याज पर कोई टैक्स नहीं
लगेगा। योजना के तहत कम से कम 30 ग्राम सोना बैंक में रखा जा सकता है।
सरकार ने 2 जून, 2015 तक इस योजना पर लोगों के विचार मांगे हैं। वित्त
मंत्री अरुण जेटली ने करीब तीन महीने पहले आम बजट पेश करते समय इस योजना का
ऐलान किया था।
ऐसे खुलेगा स्वर्ण बचत खाता :
सबसे पहले आपको हॉलमार्किग
सेंटर से अपने आभूषण की जांच करानी होगी। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड
(बीआईएस) द्वारा मान्यता प्राप्त ये केंद्र आपको आभूषण में मौजूद शुद्ध
सोने की मात्र बताएंगे। यदि आप इस आकलन से संतुष्ट होते हैं तो बैंक का
केवाईसी फॉर्म भरना होगा। साथ ही सोने को पिघलाने की मंजूरी देनी होगी।
इसके बाद आपके आभूषण को पिघलाकर शुद्ध सोना निकाला जाएगा। इस प्रक्रिया में
3-4 घंटे का वक्त लगेगा। यदि इसके बाद आप सोना रखने से मना करते हैं तो
शुद्ध सोना छड़ों के रूप में लौटा दिया जाएगा। यदि आप राजी हो जाते हैं तो
सोना जमा करने का एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस सर्टिफिकेट से बैंक में
आपका स्वर्ण बचत खाता खुल जाएगा।
एक साल रखना होगा सोना :
बैंक में सोना
रखने की न्यूनतम अवधि एक साल होगी। इस पर भी सावधि जमा जैसे नियम लागू
होंगे। यदि आप समय से पहले सोना निकालेंगे तो कुछ जुर्माना भरना पड़ेगा।
आपके जमा सोने का मूल्यांकन सोने में ही होगा। मसलन आप 100 ग्राम सोना जमा
करते हैं और आपको 1 प्रतिशत ब्याज मिलता है तो एक साल बाद आपके अकाउंट में
101 ग्राम सोना हो जाएगा। आप चाहें तो इसे सोने में या नकदी में प्राप्त कर
सकते हैं।