📌 स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि ‘अमृत’ स्टोर पर कैंसर की जेनरिक और ब्रांडेड दोनों तरह की 200 दवाएं उपलब्ध होंगी, जो औसतन 60 फीसद कम कीमत पर मिलेंगी। कुछ दवाएं 80 से 93 फीसद सस्ती मिलेंगी।
📌 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएलएल ‘अमृत’ स्टोर संचालित करेगी। 15 दिन तक ट्रायल के बाद इस तरह के स्टोर देशभर के केंद्रीय अस्पतालों में शुरू कर दिए जाएंगे।
📌 13,440 रुपये की दवा 889 में
कैंसर की कीमोथेरेपी में दी जाने वाली डोसीटेक्सेल की अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) 13,440 रुपये है। यह ‘अमृत’ मेडिकल स्टोर पर 93 फीसद छूट के साथ 889 रुपये में मिलेगी।
नई दिल्ली : कैंसर और हृदय रोगों से पीड़ित मरीजों को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय ने ‘अमृत’ योजना शुरू की है। एम्स में रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के पहले ‘अमृत’ मेडिकल स्टोर की शुरुआत की।
इस स्टोर पर कैंसर की 200 दवाएं और हृदय रोगियों के लिए स्टेंट, पेसमेकर सहित कुल 148 हार्ट इम्प्लांट व 186 दवाएं औसतन 60 फीसद सस्ती मिलेंगी। नतीजतन हृदय रोगियों की एंजियोप्लास्टी में भी कम खर्च आएगा। कैंसर व कीमोथेरेपी की कुछ दवाएं 93 फीसद तक सस्ती मिलेंगी। जल्द ही ऐसे स्टोर देशभर के सभी केंद्रीय अस्पतालों व क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों में खोले जाएंगे।
अधिकतर नहीं करा पाते इलाज :
देश में करीब 28 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हैं। हर साल सात लाख लोग इस की चपेट में आ जाते हैं, जबकि पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश में हर साल 1.45 लाख महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती हैं। कैंसर का इलाज अब भी देश में महंगा है। सस्ती जेनरिक दवाओं का इस्तेमाल करने पर भी कैंसर में छह महीने के इलाज का खर्च कम से कम 2.50 लाख रुपये आता है। वहींटारगेटेड थेरेपी के ब्रांडेड दवाओं पर 20 लाख रुपये तक खर्च आता है। कैंसर की दवाओं का बाजार भी बहुत ज्यादा अनियंत्रित है। दवा विक्रेता मरीज की आय के आधार पर उन्हें दवाओं की एमआरपी पर महज 20 से 30 फीसद छूट देते हैं। इसके चलते मरीजों की जेब पर भारी बोझ पड़ता है और वे कैंसर का इलाज नहीं करा पाते।