जाति प्रमाणपत्र बनाने में आने वाली कठिनाइयां अब जल्द ही दूर हो जाएंगी। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का प्रमाणपत्र स्कूल में ही बनवाने का मसौदा तैयार किया है। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों से इस पर 21 दिसंबर तक सुझाव मांगे गए हैं। इसके अलावा जन्म प्रमाणपत्र पर ही जाति का उल्लेख करने का भी प्रस्ताव है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा तैयार नए दिशा-निर्देश के मसौदे के मुताबिक आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को प्रधानाध्यापक या स्कूल के प्रमुख ही एससी/एसटी और निवास प्रमाणपत्र जारी करेंगे।
इस बाबत छात्रों से सभी जरूरी दस्तावेज लेने के लिए सितंबर से अक्टूबर के बीच (या राज्य सरकारें जो भी समय तय करें) एकल खिड़की की व्यवस्था की जाएगी। आगे की कार्यवाही के लिए इन दस्तावेजों को राज्य के संबंधित अधिकारियों या राजस्व अधिकारी को सौंपा जाएगा। जांच-पड़ताल के लिए तीस से 60 दिनों का वक्त दिया जाएगा। प्रमाणपत्र बनाने की अर्जी रद होने की स्थिति में छात्र एक बार अपील कर सकेंगे। जाति और निवास प्रमाणपत्र स्कूल द्वारा ही छात्रों के बीच वितरित किया जाएगा।
दाखिला या अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए जाति और निवास प्रमाणपत्र बनाने में आने वाली मुश्किलों की शिकायत मिलने के बाद केंद्र सरकार ने मौजूदा प्रावधानों को बदलने की रूपरेखा तैयार की। इसके अलावा जन्म प्रमाणपत्र पर ही एससी या एसटी होने का उल्लेख करने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।