लखनऊ : लंबे अर्से से प्रतीक्षारत मजदूरों को कार्यस्थल पर दोपहर का भोजन देने की योजना मार्च के अंतिम सप्ताह तक लागू होने की संभावना है। मजदूरों को दोपहर का भोजन देने का करार आईआरसीटीसी ने उप्र भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड से किया है। पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में यह योजना लखनऊ में चार कार्य स्थलों से शुरू होगी। करार के तहत आईआरसीटीसी मजदूरों को भोजन के लिए दो मैन्यू देगा। दोपहर का यह भोजन उन्हीं मजदूरों को दिया जाएगा, जो बोर्ड में रजिस्टर्ड हैं।
खाने के दो मैन्यू :
करार के तहत मजदूरों के लिए भोजन के दो मैन्यू होंगे। एक में छह रोटी, दो सब्जी, गुड़, सलाद, अचार व मिर्च, जबकि दूसरे मैन्यू में दाल, चावल (400 ग्राम), गुड, सलाद, अचार और मिर्च होगी। एक दिन के भोजन के लिए मजदूर को दस रुपये देने होंगे, जबकि श्रम विभाग द्वारा संचालित कर्मकार बोर्ड 32 रुपये प्रति मजदूर आईआरसीटीसी को सबसिडी देगा। आईआरटीसीटी भोजन एल्युमिनियम पैक में देगी, लेकिन उनके वितरण, एक दिन पहले उसका मजदूर से पैसा जमा करवाना और कूड़े के डिस्पोजल की व्यवस्था कार्यदायी संस्था को करनी होगा।
चार जगह से शुरुआत :
प्रमुख सचिव श्रम अनिता भटनागर जैन ने बताया कि अमौसी स्थित मैट्रो साइट, वृंदावन योजना की हिमालयन इन्क्लेव साइट, अवध बिहार साइट और विधान भवन के सामने नए सचिवालय की साइट से यह योजना शुरू होगी। मैट्रो साइड पर करीब एक हजार, हिमालयन इन्क्लेव में 200, अवध बिहार और नए सचिवालय साइड में 300-300 रजिस्टर्ड मजदूर हैं।