अधिक वजन वाले बच्चों को मध्यम आयु में दिल का दौरा पड़ने या स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है, भले ही वे वयस्क होने पर पतले क्यों न हो गए हों।
इस बात का खुलासा एक अध्ययन में किया गया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि 19 साल की उम्र से पहले उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और धूम्रपान भी हृदय संबंधी खतरे को बढ़ाते हैं। ये निष्कर्ष अब तक के सबसे मजबूत सबूत हैं, जो बताते हैं कि बचपन की जीवनशैली का बाद में बड़ा प्रभाव पड़ता है।
बचपन में हो स्वस्थ जीवनशैली: यह अध्ययन पेरिस में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस में प्रकाशित हुआ है। इसके लिए 1970 के दशक के तीन से 19 वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का इस्तेमाल किया गया।
इस अध्ययन में शामिल 42,000 बच्चों का 50 वर्ष की उम्र तक का स्वास्थ्य रिकॉर्ड जांचा गया। इसमें पाया गया कि अधिक वजन वाले बच्चों को मध्यम आयु में पहुंचकर दिल का दौरा, स्ट्रोक या हृदय रोग का सामना करना पड़ा। शोधकर्ताओं ने इनमें बॉडी मास इंडेक्स 10 प्रतिशत अतिरिक्त पाया। अध्ययन में यह भी देखने को मिला कि बचपन में 10 प्रतिशत बढ़े हुए रक्तचाप से वयस्क होने पर हृदय संबंधी खतरा 40 प्रतिशत बढ़ गया। जबकि बचपन में कोलेस्ट्रॉल होने से हृदय संबंधी खतरे में वयस्क होने पर 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अध्ययन के लेखक प्रोफेसर टेरेंस ड्वायर ने कहा, दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोकने के लिए बच्चों में स्वस्थ जीवनशैली पर अधिक जोर देना चाहिए।