टैक्स बचाना चाहते हैं? जीवनसाथी की मदद से यह 4 तरीके आजमा कर बचाएं टैक्स want to save tax? take help of your spouse
अपने जीवनसाथी के साथ आप फाइनैंशल चुनौतियों का सामना करना सीखें। होम लोन की EMI का पेमेंट करने से लेकर एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की मदद से अपने परिवार को सुरक्षित करने तक, एक कामकाजी शादीशुदा जोड़ा कई तरह से एक-दूसरे को फाइनैंशली सपॉर्ट कर सकते हैं।
हाइलाइट्स:
- जॉइंट होम लोन से पति-पत्नी दोनों को बहुत ज्यादा टैक्स छूट भी मिल सकती है
- अपने लिए, अपने बच्चों, माता-पिता और पति/पत्नी के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने से आपको सेक्शन 80D के तहत टैक्स बेनिफिट
- कपल को सिर्फ कम प्रीमियम पर एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ही नहीं मिलेगी बल्कि दिए गए प्रीमियम के लिए बहुत ज्यादा टैक्स डिडक्शन बेनिफिट
होम लोन की EMI का पेमेंट करने से लेकर एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की मदद से अपने परिवार को सुरक्षित करने तक, एक कामकाजी शादीशुदा जोड़ा कई तरह से एक-दूसरे को फाइनैंशली सपॉर्ट कर सकते हैं। इसी तरह, पर्सनल फाइनैंस के एक अतिमहत्वपूर्ण पहलू: टैक्सेशन से निपटने में भी एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। यहां कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं जिनके माध्यम से एक शादीशुदा जोड़ा, टैक्स बचाने में एक दूसरे की मदद कर सकते हैं।
जॉइंट होम लोन
इसी तरह, सेक्शन 80C के तहत आप दोनों में से प्रत्येक व्यक्ति को, चुकाए गए प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5-1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। इस तरह, अपने कब्जे वाली प्रॉपर्टी के लिए एक साथ मिलकर एक जॉइंट होम लोन लेने पर आप दोनों को कुल मिलाकर 7 लाख रु. का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। एक और दिलचस्प बात यह है कि बैंक बाज़ार मनीमूड 2020 रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा होम लोन लेकर पुरुषों को इस मामले में पीछे छोड़ दिया है। महिलाओं द्वारा लिए गए होम लोन का औसत (25.64 लाख रु.), पुरुषों (23.66 लाख रु.) से अधिक था।
हेल्थ इंश्योरेंस
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना, बढ़ते हेल्थ केयर कॉस्ट से अपने आपको और अपने परिवार को बचाने का बुद्धिमानी से भरा तरीका है। अपने लिए, अपने बच्चों, माता-पिता और पति/पत्नी के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने से आपको सेक्शन 80D के तहत टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। आपको अपने लिए, अपने बच्चों और पति/पत्नी के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए दिए गए प्रीमियम अमाउंट पर 25,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। आप अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग प्लान ले सकते हैं या एक ही प्लान में सबको कवर करने के लिए एक जॉइंट, फैमिली फ्लोटर प्लान भी ले सकते हैं।
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना
शादी करने का मतलब अप्रत्याशित परिस्थितियों से एक दूसरे की रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेना भी होता है। एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर रखने से, दुर्भाग्य से आपकी मौत होने पर आपके परिवार को इससे एक फाइनैंशल सपॉर्ट मिलता है। एक शादीशुदा जोड़ा होने के नाते, आप संयुक्त रूप से एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं। इससे आपको सिर्फ कम प्रीमियम पर एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ही नहीं मिलेगी बल्कि दिए गए प्रीमियम के लिए बहुत ज्यादा टैक्स डिडक्शन बेनिफिट भी मिल सकता है। आप दोनों एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए दिए गए प्रीमियम के लिए इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन के लिए अलग-अलग तरीके से क्लेम कर सकते हैं। एक जॉइंट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए इंडिविजुअल प्रीमियम का कैलकुलेशन, पति और पत्नी की उम्र के आधार पर किया जाता है।
टैक्स ब्रैकेट के अनुसार इन्वेस्टमेंट
आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के आधार पर अपनी इन्वेस्टमेंट प्लैनिंग करनी चाहिए, जिससे आपको टैक्स बचाने में काफी मदद मिल सकती है। यदि आपकी पत्नी, लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती है तो आप उसके लिए फिक्स्ड इनकम वाले इन्वेस्टमेंट जैसे एक फिक्स्ड डिपॉजिट पर विचार कर सकते हैं। यदि वह हायर टैक्स ब्रैकेट में आती है तो उसके नाम से ज्यादा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट करनी चाहिए। कहने का मतलब है कि आपको अपने-अपने इनकम के आधार पर अपने परिवार की टैक्स देनदारी को जितना हो सके उतना कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
ऊपर बताए गए उपायों के अलावा, एक शादीशुदा जोड़ा अपने बच्चों के एजुकेशन और इन्वेस्टमेंट के लिए भी टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम करके टैक्स बचा सकते हैं। दो बच्चों के मामले में, प्रत्येक माता/पिता, इनकम टैक्स ऐक्ट के निर्धारित नियमों के अनुसार अलग-अलग तरीके से डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते है।